तरक्की का तरीका
(सिद्ध शुद्ध एवं प्रामाणिक)
माँगना, छिनना या चोरी से प्राप्त किए गए वस्तु को उपहार नहीं कहते। उपहार उसे कहते हैं जो स्वच्छ मन और साफ़ ह्रदय से कोई किसी को देता है और तब एक छोटा सा उपहार भी प्राप्तकर्ता के जीवन में सौभाग्य भर देती है। आज आपको हमारी ओर से एक दुर्लभ उपहार दिए जाने की घोषणा की जा रही है। इस अवसर को खोइएगा नहीं। क्योंकि आपको प्राप्त होगा श्री धन लक्ष्मी कुबेर धन वर्षा यन्त्र पैकेट। ग्रहण सिद्ध यह उपहार आपके नाम या गृह स्वामी के नाम से सिद्ध करके ही जाएगा। इसे स्थापित करने के बाद से ही देखेंगे प्रभावशाली पावर।
तरक्की का अर्थ है, घर परिवार सुख शांति और समृद्धि से लबालब हो। जीवन के हर मामलों में शुभ-शुभ विस्तार हो। बिजनेस, व्यवसाय और सर्विस में प्रोग्रेस हो। किसी प्रकार का ऋण का बोझ न हो, यदि हो भी तो आसानी से समाप्त हो जाय। परिवार रोगमुक्त हो, वहां सुख-शांति की छाया हो। लक्ष्मी का आशीर्वाद हो और चारों ओर से धन आगमन की स्थिति बनती हो। बिगड़ा कार्य भी आकस्मिक रूप से संभल जाता हो। समाज में मान-मर्यादा और प्रतिष्ठा हो। अगर न हो तो अभिमान जैसी नकारात्मक भाव आपके पास न हो। मन में किसी के प्रति ईर्ष्या न हो।
परन्तु आज कहाँ देखने को मिलता है ऐसा घर परिवार। हर तरफ हाहाकार है। सभी किसी न किसी मुसीबत से चिंतित हैं। समस्या कहाँ से उत्पन्न होती है ? तो सीधी सी बात है। धनाभाव में। और धन का आभाव क्यों है? लक्ष्मी के प्रसन्न न होने के कारण। इसके और भी कई कारण हो सकते हैं। आपके मकान की भूमि दोष, वास्तु दोष, ऋण दोष, बिमारी दोष आदि आदि। अतः किसी नजरिए से देखा जाय तो यहाँ भगवती लक्ष्मी की मेहरबानियों की सख्त आवश्यकता है वरना दाल रोटी तो कोई भी खाकर गुजारा कर सकता है। किन्तु यह संतुष्टि वाली बात नहीं है। लक्ष्मी को प्रसन्न करना आवश्यक भी है, जिम्मेदारी भी है।
और लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री कुबेर जी को प्रसन्न करना होता है। इन्हें प्रसन्न करने के लिए ज्यादे चिंता की बात नहीं है। बल्कि ग्रहणकाल में पूरे विधि विधान से सिद्ध किया हुआ कुबेर कुंजी के साथ स्फटिक लक्ष्मी श्रीयंत्र और सम्पूर्ण दोष मुक्ति महायंत्र की स्थापना अपने पूजा स्थान में स्थापित करना होता है। अर्थात इन सामग्रियों को बताये हुए विधि से स्थापित करें, फिर तो लक्ष्मी की कृपा देखते बनती है, क्योंकि लक्ष्मी का वशीकरण हो चुका होता है और कृपा की फुहारे परिवार को ऐसे भिंगोने लगती है कि, जीवन की हर अभिलाषाएं पूरी होकर सुख -शांति और तरक्की से सौभाग्य खिल उठता है।
इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है कि, जहाँ धनपति भगवान् कुबेर जी होंगे, वहा लक्ष्मी को आना ही होगा। अब इसमें कोई दो राय नहीं कि, ऐसी घटना घटित होने पर दुर्भाग्य का नाश तो हो ही जाता है। इसलिए आपके घर परिवार की समस्याएँ ख़त्म होकर वहा सुख-शांति और लगातार तरक्की का अवसर बनता है। अतः दुर्भाग्य का रोना धोना त्यागिये। अब नए सिरे से कुछ करने को तैयार हो जाइए, कदम कदम पर हम आपके साथ हैं। हमारी सलाह आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
किसी भी कार्य की सफलता में व्यक्ति का विश्वास, श्रद्धा ही प्रथमतः रूप से कार्य करता है। अतः आज और अभी, पूरी श्रद्धा विश्वास से स्थापना का मन में विचार बना लें तभी से संकेत मिलने लगेगा कि आपके यहाँ लक्ष्मी चरण पधारने वाला है। अर्थात अब से कुछ अलग होने वाला है। इससे लक्ष्मी का भी सम्मान होता है और जहाँ सम्मान होता है, वहा लक्ष्मी का स्थायित्व बनता है। थोड़े समय में ही जो देखता है दांतों तले उंगुली दबा लेता है, हर तरफ आपकी तरक्की की खुसर-फुसर शुरू हो जाती है।
अतः यह सर्व सफलता पैकेट आपको इसके सेवा शुल्क में सुविधा दी जा रही है। घर में घर के मुखिया के नाम सिद्ध करके ही जायेगा। ताकि रोग शोक, दुःख दरिद्रता का नाश होता है। इसके स्थापना से कर्ज से मुक्ति मिलती है। कोर्ट कचहरी मुकदमें में विजय मिलता है। बिजनेश सर्विस में तरक्की निश्चित हो जाती है। भूमि दोष व् वास्तु दोष दूर होकर घर में वंश वृद्धि के योग बनते हैं। तंत्र मंत्र और नजर का भय दोष ख़त्म होता है। आकस्मिक दुर्घटनाओं से रक्षा होती है। घर में सुख-शांति अनायास ही प्राप्त होने लगती है। सामाजिक प्रतिष्ठा मिलती है और अच्छे लोगों से सम्बन्ध बनते हैं।
इस सम्बन्ध में अन्य परामर्श ले सकते हैं, - अशोक भैया 95651220423
हमारा जीमेल एड्रेस ashokbhaiya666@gmail.com
तरक्की का अर्थ है, घर परिवार सुख शांति और समृद्धि से लबालब हो। जीवन के हर मामलों में शुभ-शुभ विस्तार हो। बिजनेस, व्यवसाय और सर्विस में प्रोग्रेस हो। किसी प्रकार का ऋण का बोझ न हो, यदि हो भी तो आसानी से समाप्त हो जाय। परिवार रोगमुक्त हो, वहां सुख-शांति की छाया हो। लक्ष्मी का आशीर्वाद हो और चारों ओर से धन आगमन की स्थिति बनती हो। बिगड़ा कार्य भी आकस्मिक रूप से संभल जाता हो। समाज में मान-मर्यादा और प्रतिष्ठा हो। अगर न हो तो अभिमान जैसी नकारात्मक भाव आपके पास न हो। मन में किसी के प्रति ईर्ष्या न हो।
परन्तु आज कहाँ देखने को मिलता है ऐसा घर परिवार। हर तरफ हाहाकार है। सभी किसी न किसी मुसीबत से चिंतित हैं। समस्या कहाँ से उत्पन्न होती है ? तो सीधी सी बात है। धनाभाव में। और धन का आभाव क्यों है? लक्ष्मी के प्रसन्न न होने के कारण। इसके और भी कई कारण हो सकते हैं। आपके मकान की भूमि दोष, वास्तु दोष, ऋण दोष, बिमारी दोष आदि आदि। अतः किसी नजरिए से देखा जाय तो यहाँ भगवती लक्ष्मी की मेहरबानियों की सख्त आवश्यकता है वरना दाल रोटी तो कोई भी खाकर गुजारा कर सकता है। किन्तु यह संतुष्टि वाली बात नहीं है। लक्ष्मी को प्रसन्न करना आवश्यक भी है, जिम्मेदारी भी है।
और लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री कुबेर जी को प्रसन्न करना होता है। इन्हें प्रसन्न करने के लिए ज्यादे चिंता की बात नहीं है। बल्कि ग्रहणकाल में पूरे विधि विधान से सिद्ध किया हुआ कुबेर कुंजी के साथ स्फटिक लक्ष्मी श्रीयंत्र और सम्पूर्ण दोष मुक्ति महायंत्र की स्थापना अपने पूजा स्थान में स्थापित करना होता है। अर्थात इन सामग्रियों को बताये हुए विधि से स्थापित करें, फिर तो लक्ष्मी की कृपा देखते बनती है, क्योंकि लक्ष्मी का वशीकरण हो चुका होता है और कृपा की फुहारे परिवार को ऐसे भिंगोने लगती है कि, जीवन की हर अभिलाषाएं पूरी होकर सुख -शांति और तरक्की से सौभाग्य खिल उठता है।
इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है कि, जहाँ धनपति भगवान् कुबेर जी होंगे, वहा लक्ष्मी को आना ही होगा। अब इसमें कोई दो राय नहीं कि, ऐसी घटना घटित होने पर दुर्भाग्य का नाश तो हो ही जाता है। इसलिए आपके घर परिवार की समस्याएँ ख़त्म होकर वहा सुख-शांति और लगातार तरक्की का अवसर बनता है। अतः दुर्भाग्य का रोना धोना त्यागिये। अब नए सिरे से कुछ करने को तैयार हो जाइए, कदम कदम पर हम आपके साथ हैं। हमारी सलाह आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
किसी भी कार्य की सफलता में व्यक्ति का विश्वास, श्रद्धा ही प्रथमतः रूप से कार्य करता है। अतः आज और अभी, पूरी श्रद्धा विश्वास से स्थापना का मन में विचार बना लें तभी से संकेत मिलने लगेगा कि आपके यहाँ लक्ष्मी चरण पधारने वाला है। अर्थात अब से कुछ अलग होने वाला है। इससे लक्ष्मी का भी सम्मान होता है और जहाँ सम्मान होता है, वहा लक्ष्मी का स्थायित्व बनता है। थोड़े समय में ही जो देखता है दांतों तले उंगुली दबा लेता है, हर तरफ आपकी तरक्की की खुसर-फुसर शुरू हो जाती है।
अतः यह सर्व सफलता पैकेट आपको इसके सेवा शुल्क में सुविधा दी जा रही है। घर में घर के मुखिया के नाम सिद्ध करके ही जायेगा। ताकि रोग शोक, दुःख दरिद्रता का नाश होता है। इसके स्थापना से कर्ज से मुक्ति मिलती है। कोर्ट कचहरी मुकदमें में विजय मिलता है। बिजनेश सर्विस में तरक्की निश्चित हो जाती है। भूमि दोष व् वास्तु दोष दूर होकर घर में वंश वृद्धि के योग बनते हैं। तंत्र मंत्र और नजर का भय दोष ख़त्म होता है। आकस्मिक दुर्घटनाओं से रक्षा होती है। घर में सुख-शांति अनायास ही प्राप्त होने लगती है। सामाजिक प्रतिष्ठा मिलती है और अच्छे लोगों से सम्बन्ध बनते हैं।
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अगर किसी को कुछ पूछना समझना हो तो निश्चित ही कमेन्ट बॉक्स में सवाल करें या अपना बहुमूल्य राय दें,
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