Thursday, 14 March 2013

सफलता पाने का रहस्य.


          जभी जागो तभी सबेरा 

मैं जो भी कहूँगा सच कहूँगा, सच के सिवा कुछ नही. संयोग से मेरी बात गले न उतरे या असत्य सी लगे तो कोई भी सजा भुगतने पर न तो शर्म करूँगा न दुख.  शोक भैया  8447858941

          बहुत ही अच्छी पुस्तक की रचना की है महान लेखक स्वेट मार्डन ने। हालाँकि स्वेट  मार्डन  की कई पुस्तके मैंने बहुत पहले की पढ़ रखी है। आज वही पुस्तक हाथ लगी तो फिर से पढ़ डाळा। शीर्षक भी दमदार और बातों में भी दम। जब जागो तभी सबेरा तो नवयुवा पीढ़ी को पढ़ ही लेनी चाहिए क्योंकि ऐसी पुस्तक से मन मस्तिष्क को थोक के भाव में ऊर्जा मिलती है। आज की स्थिति में इक्छाशक्ति आत्मविश्वास से हम बिलकुल रिक्त हो चुके। इसमें जब जागो तभी सबेरा जैसी पुस्तक हर किसी को नवशक्ति से चार्ज कर देती है। नकारात्मक सोंच ख़त्म होकर आत्मविश्वास लबालब हो उठता है। 
          
       और जहाँ नकारात्मक सोंच  ख़त्म होने लगता है वही से सकारात्मक सोंच शुरू हो जाती है।  मन मजबूत होने लगता है। असंभव जैसी सोंच धुमिल होने लगती है। सब कुछ संभव हो उठता है। इतनी बातें लिखने के पीछे मकसद  कि आपके अन्दर के टिमटिमाते आत्म विश्वास को बल मिले। आप नए जोश और नई ऊर्जा के साथ आगे बढें तथा जिस मंजिल पर पहुँचने की कसम खा रखी है वहां पहुँच कर ही दम लें। इसे कहते हैं- जो मैं कहता हूँ, कर दिखाता हूँ। हमें पता है, समस्याएँ कदम कदम पर है। लेकिन समाधान भी तो आजू बाजू या अगले कदम पर होता है।
          
       अब निराशा कैसी ? उठिए, जागिए - दुनिया में कोई भी कार्य ऐसा नहीं जो आप न कर सके। असंभव सिर्फ इसलिए लगता है क्योंकि आप कोशिश नहीं करते, या हार जाते हैं। और ये सब होता है आपके नकारात्मक सोंच के चलते। हिम्मत न हारिए, पूरे शरीर में आत्मविश्वास ही ऐसी चीज है जो हमारी  सफलता की रौशनी है। इस रोशनी को जलाए रखिए तो सफ़र आसान भी होगा और सुहाना भी। काश ! मैं आपको विश्वास दिला  पाता कि, मैं भी आपही की तरह से साधारण जीव हूँ। मगर आत्मविश्वास और इक्छाशक्ति के मामले में कुछ अलग। क्योंकि समस्याएँ भी शर्मा जाती हैं मेरे आगे। कारण कि, मैं समस्याओ का भी चिर फाड़ करके रिसर्च करने लग जाता हूँ। वर्दाश्त और धैर्यता का भी प्रयोग ह्रदय से  करता हूँ.
          
        भाई, दुनिया एक प्यारी  जगह है। और यह जीवन एक अवसर है। इस जीवन और अवसर  का सही उपयोग करना ही सर्व श्रेष्ठता है। अब आप सोंचिए, कल से आपको क्या करना है ? मैं तो अभी के अभी सोंच लिया हूँ। क्योंकि अच्छे कार्यों के लिए कोई टाइमिंग नहीं होती। बस शुरू हो जाता हूँ। व्यवस्था खुद ही मेरे साथ टिउनिंग बनाने लग जाती है। और यह जीत आपकी है। अगर आप भी हमारे सोंच के हिसाब से शुरू हो जाते है, हमारे अनुसार शुरू हो जाते हैं तो आप जैसा खुशनसीब कोई न होगा। वैसे तो  ऐसी खुशनसीबी बिना पापड़ बेले मिलती भी नहीं। ये ३ बातें ही आपको सर्व श्रेष्ठ बना सकती है। 
          
       समय के महत्त्व को  समझते हैं तो समय के पाबंद बनिए। 
         
                    झूठ को नापसंद करते हैं तो हमेशा सच बोलने की आदत डालिए। 

                                        हमेशा क्रोध आता है तो ह्रदय से मुस्कराने की जोखिम उठाइए।

 अतः मात्र ३ बातें आपको दुनिया में अलौकिक बना सकती है। लेकिन जब पूरी तरह से इसके अभ्यस्त हो जाएँगे तब। क्योंकि सरल यह भी नहीं है। किसी भी मुश्किल को सरल बनाया जाता है। इनकी आदत डालनी पड़ती है। कई बार कहीं-कहीं झेलना भी पड़ता है। लेकिन जब आदत पड़ जाती है तो आपके अन्दर दिव्य आकर्षण विकसित होना शुरू हो जाता है। जैसे पारसमणि से प्रकाश। एक अदभुत सम्मोहन युक्त व्यक्तित्व। 
          
       आप पुरुष हैं या स्त्री मात्र यही तीन बातें आपके जीवन का महामंत्र, चैतन्य मंत्र है, जिसका उच्चारण नहीं बल्कि चिंतन करने मात्र से आपमें बदलाव आना आरम्भ हो जाता है। और जब काफी कुछ बदल जाता है तब आपको देखने वाला भी ठगा सा रह जाता है, इसमें कोई शक नही। आपसे मिलने वाला सामने पड़ते ही अनायास मुस्करा बैठता है। आपसे बातचीत करने वाला सदा के लिए आप पर भरोसा करने के लिए विवश हो जाता है। क्या आप चाहेंगे कि लोग आप पर भरोसा करें ? तो बस जागिए और सच को स्वीकारिए। जो करना हो, कर दिखाइए। जहाँ दिक्कत हो वहां हमें फोन करिए क्योंकि  ...........
                                  
                 हादसों  के  शहर  में  इक सकुन देखा।
                 सभी गैर थे मगर, अपना ही खून देखा   
          
          हमारा हर संभव सहयोग आपको मिलेगा। क्योंकि .......दुनिया में असंभव कुछ है ही नही।  मैंने इस तथ्य का भी पोस्टमार्टम करके देख लिया है। आप भी देख सकते है। हमारी एक-एक बातें सच मानी जाएगी। यदि अब भी आप संदेह में हैं तो यह आपका दुर्भाग्य है। बहुत बड़ी असफलता है। संदेह से दूर होइए, मन को मजबुत बनाइए, मंजिल आपका इन्तजार कर रही है। अगर मैं गलत कहा तो मेरा गट्टा  पकड़ कर पुछिएगा या आसमान के जिस सितारे को कहिएगा उसे तोड़कर आपके ड्राइंग रूम में सजा दूंगा। और अंत में एक तेजस्वी मन्त्र दे रहा हूँ। किसी भी कार्य में पूरी सफलता के लिए इसका उच्रचारण करते हुए घर से बाहर कदम रखिए तो निश्चित सफल होते रहेंगे।   
                                                         मंत्र - ओम क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं 
(नोट- यह आपार हर्ष का विषय है कि, हमने अपने पूर्व सूचना के मुताबिक त्राटक ज्ञान के साथ सम्मोहन, वशीकरण, कुंडलिनी जागरण का 30 से 45 दिनों का विशेष कोर्स जारी कर दिया है। इस दुर्लभ त्राटक सम्मोहन कोर्स को अनेक प्रांतों के भाई बंधु और शुभचिंतक लगन पूर्वक कर रहे हैं। अतः मंगल कामना हैं इनकी सफलता के लिए तथा आपके लिए हार्दिक कामना है आपके आगमन के लिए। क्योंकि आप दुनिया से बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं परन्तु ऐसा अद्भुत और दुर्लभ ज्ञान कहीं और से प्राप्त करना बहुत ही कठिन है। नामुमकिन भी मान लीजिये। इस सम्बन्ध में किसी भी जानकारी के लिएआप बेहिचक हमें फोन कर सकते हैं। आपको हमारा भरपूर सहयोग प्राप्त होगा, भरोसा रखें।

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                                                                               सधन्यवाद !
                                                                                                   अशोक भैया   Mob. 9565120423
                                                                                           Delhi, Rishikash, Gorakhpur, Ballia
                                                                                                   
          

6 comments:

  1. अपनी राय जरुर दें।

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  2. Bohot sundar aur upyogi jaankariyan guruji.
    Dhanyewaad

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  4. आप सभी लोग फोन कर सकते हैं। 9565120423

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