Monday, 18 November 2013

सम्मोहन ज्ञान त्राटक से सम्भव है.



               सम्मोहन ज्ञान  

    (त्राटक शुद्ध नियम विधि से सम्भव है।) 
          
     मित्रों, भाई और बहनों, जल्दी ही मैं पारस पत्थर निर्माण विधि इस साईट पर  देने जा रहा हू इंतजार करें। इस समय मुझे सम्मोहन विज्ञान की  प्रेक्टिकल व्यवस्था में कुछ व्यस्त होना पड़  रहा है। तमाम भाई और शुभचिंतकों की मांग पर हमने घर बैठे सम्मोहन, वशीकरण, कुंडलिनी जागरण स्वप्न विज्ञान और त्राटक की बारिकियों को ग्रहण करने के लिए सहज कोर्स  दिया है। यह गर्व का विषय है कि, इस गोपनीय ज्ञान को जानने और ज्ञान ग्रहण हेतु भारी मात्रा में लोग उत्सुक एवं लालायित है। अतः आपका भी स्वागत है। 
                 
             सम्मोहन सीखना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है। यह तो मन का विज्ञान है जो सभी के अन्दर पहले से ही ईश्वर ने दे रखी है किन्तु ज्ञानाभाव के कारण आप अपने इस शक्ति का उपयोग नहीं कर पाते।जबकि इसमें पारंगत होकर दुनिया में अजीबो-गरीब कार्य सम्पन्न किए जा सकते हैं। बिमारियों के ईलाज से लेकर वशीकरण तक, असंभव से असंभव कार्य इसके जरिए आसानी से हो जाता है। यदि आप इसमें रूचि रखते हैं तो यह आपका सौभाग्य है। आप हमारे नंबर पर अपना विचार बता सकते हैं अथवा कोर्स आरम्भ कर जीवन को अद्भुत उपयोगी बना सकते है।   

          सम्मोहन अर्थात, किसी के मन को मोह लेने की क्रिया, न कि ...........तंत्र मंत्र में उलझना और भ्रमित होना। सम्मोहन मनुष्य के मन का विज्ञान है। दूसरे को सम्मोहित करना या उसके मन को अपने ढंग से संचालित करने की यह कला है। हम जो चाहें, जैसे चाहें, सामने वाला या दूर बैठा कोई भी हमारे विचारों को आत्मसंतुष्टि से पालन करे। सम्मोहन आज के युग में क्रांतिकारी विज्ञान है। वशीकरण सम्मोहन का ही रूप है। कुंडली जागरण अपने आप में गहन विषय है। परन्तु इसमें पारंगत होकर कोई भी व्यक्ति सम्मोहन के क्षेत्र  में मास्टर बन सकता है।

           क्योंकि मानव शरीर अनेक हड्डियों से निर्मित है। इन हड्डियों में कुंडलिनी चक्र है जो शक्ति का भण्डार है। सुषुम्ना, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र और सहश्रार के नाम से प्रसिद्ध है। कोई भी व्यक्ति, पुरुष या स्त्री जब इन चक्रों पर अपना ध्यान एकाग्र करता है तब शरीर की गुरुत्वाकर्षण शक्ति कम होने लगती है। जैसे-जैसे ध्यान की एकाग्रता में वृद्धि होती है वैसे-वैसे सफलता भी स्पष्ट होने लगता है। क्योंकि ध्यान से एकाग्रता की प्राप्ति होती है और एकाग्रता से वायु पर नियंत्रण स्थापित होता है तथा वायु नियंत्रण से व्यक्ति के अन्दर अद्दभुत चुम्बकीय तरंग की उपज होती है।

          शरीर की चुम्बकीय तरंगें ही व्यक्ति को अद्दभुत बनाती है। सम्पूर्ण शरीर स्वस्थ होकर अलौकिक सौंदर्य की प्राप्ति होना, शरीर से हर समय सुगंध प्रवाहित होते रहना, ज्ञान तत्व से ओत-प्रोत रहना, वाणी में मधुरता आना, स्मरण शक्ति का पावरफुल होना, सुनने और सुंघने में विलक्षणता आना, नेत्र व् अंगुली के पोरुओं में भारी मात्रा में हिप्नोटिक ऊर्जा एकत्रित होकर आपको त्रिकालदर्शी व्यक्ति बनाता है । अतः सम्पूर्ण कुण्डलिनी चक्रों में से यदि कोई एक चक्र भी जागृत अवस्था में हो जाय तो समझिए साधारण आदमी भी सम्मोहन की अद्दभुत शक्ति प्राप्त कर ही लेता है। 

          परन्तु आज के युग माहौल वातावरण में इसका यूँ जागृत होना अति कठिन ही कहा जाएगा। इसलिए सम्मोहन वशीकरण की चुम्बकीय प्राप्ति के लिए इसके चुने हुए योग विधियों के सहारे आगे बढ़ना चाहिए। जैसाकि, मानव प्राणी में जन्म से ही सम्मोहन वशीकरण की ऊर्जा विद्द्यमान होती है। परन्तु अविकसित रूप में। यदि किसी के अन्दर विकसित भी होती है तो उसे उस शक्ति का प्रयोग करने का ज्ञान नहीं है। मनुष्य के अन्दर का हिप्नोटिक तरंग यानी सम्मोहन ऊर्जा ही वह हथियार है जिससे दुनिया में कुछ भी संभव किया जा सकता है। किसी भी प्राणी या जीव-जंतु, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे को नेत्र तरंगों के प्रहार से इच्छानुसार  संचालित किया जा सकता है।

           इस विज्ञान में पारंगत होकर एक जगह बैठे बैठे भी विचारों और इच्छा के माध्यम से किसी को भी आदेश, निर्देश, सलाह, समाचार या सूचना दिया जा सकता है। व्यक्ति चाहें कितना भी दूर हो, कोई फर्क नहीं पड़ता। हम स्वप्न भी इसी सिद्धांत पर देखते हैं। क्योंकि एक सेकेण्ड में सैकड़ों उटपटांग दृश्य देखना यही सिद्ध करता है अर्थात कुछ तो हमारी दिन भर की सोंच स्वप्न के रूप में दिखता है। कुछ दूसरों की सोंच भी हमें स्वप्न के माध्यम से दिखता है। कारण कि, सोने के बाद सैकड़ों लोग आपके बारे में  विभिन्न तरीके से सोंच रहे होते हैं। उसी में आपका अपना विचार भी सामिल हुआ रहता है। अतः यह खिचड़ी प्रोग्राम होकर स्वप्न बन जाता है। 

          इस खिंचड़ी प्रोग्राम स्वप्न को आई-गई बात मानकर हम भूल जाते हैं। जबकि स्वप्न में आए एक-एक दृश्य का अर्थ होता है। यदि किसी एक दृश्य को पकड़कर उसकी भाषा समझे तो आप तुरंत परिणाम निकाल लेंगे। इस दृश्य का, इस घटना से सम्बन्ध बनता है। अतः हम मुख्य विषय पर आते हैं अर्थात सम्मोहन पावर को समझना और उसका सामाजिक स्तर पर लाभ उठाना, और जैसाकि इससे पूर्व मैंने एक लेख लिखा है कि, आँखों के सामने शून्य में एक काली तील इधर उधर भागती दिखाई देती है। इसे स्पष्ट आप कभी नहीं देख सकते। 

          यही काली तीळ शस्त्र है हमारे शरीर का। इस शस्त्र को धार देकर अचूक बनाया जाता है। अर्थात यौगिक क्रियाओं से शक्तिशाली बनाया जाता है, तब यही काली तिल आपके लिए हथियार की तरह काम करती है। सामने जहाँ भी इस तिल को स्थिर करके जैसा भी सोंच बनाएगे और उस सोंच को जहाँ भी (किसी के मस्तिष्क में) प्रेषित करेंगे वहां पहुंचकर उस प्राणी पर पूरा प्रभाव डालती है। चाहें कोई दुश्मन हो, आलोचक हो, अच्छा हो, बुरा हो। वह आपके प्रति वैसी ही भावना रखेगा या सोंचेगा जो आपने हिप्नोटिक विचार भेजे है। और यह सौ प्रतिशत शरीर और मन का विज्ञान है। 

          आपने देखा होगा, संत फ़क़ीर लोग मोर पंख या हाथ के स्पर्श से बच्चे को झाड़ मारकर स्वस्थ कर दिया करते थे, आज भी देखने को मिलता है। यह क्रिया वैसी ही है जैसा हम बता चुके हैं। क्योंकि शरीर से हिप्नोटिक तरंग निकलने के दो मुख्य श्रोत है, पहला- नेत्र , दूसरा- हाथ की अँगुलियों के पोरुएँ। और उसे ग्रसित करने के लिए सम्पूर्ण शरीर श्रोत होता है। अतः नेत्र और अंगुली के पोरुओं की सम्मोहन उर्जा को सशक्त बनाने के लिए कुछ अभ्यास के साथ-साथ, व्यक्तित्व, व्यवहार, रहन सहन में बदलाव लाने पड़ते हैं। यदि आप सम्मोहन वशीकरण में रूचि रखते हैं तो हमारा सहयोग निश्चित रूप से मिलेगा। 

          आप सही प्रकार से सफलता पाएं इसकी सलाह  विधियाँ और अभ्यास सामग्री पैकेट अपना नाम पता भेजकर  संस्थान से प्राप्त कर लें और निरंतर संपर्क में बने रहें। 30 से 45 दिनों के अभ्यास में आप सफलता के काफी निकट होंगे, क्योंकि अभ्यास के दौरान हमारा संपर्क आपसे लगातार बना रहेगा ताकि सटीक सलाह आपको नुकसान से बचाते हुए शीघ्र सफलता दे। अपना सम्मोहन पैकेट के लिए फोन कर सकते हैं या अन्य जानकारी इस नंबर से ले सकते हैं।      9565120423   -अशोक श्री

सम्मोहन से अन्यानेक लाभ -

- किसी भी स्त्री या पुरुष को सम्मोहित कर उसके विचारों पर हाबी होना। 
-  किसी भी दुमन को मित्र बना लेना।
- किसी के मन में क्या है, आसानी से जान लेना। 
- कौन आपका हित, कौन आपका दुश्मन, जान लेना। 
- विमारमुक्त रहना और सौंदर्य प्राप्त करना। 
- अपने व्यवसाय को तरक्की पर ले जाना। 
- किसी घटना दुर्धटना का आभास कर लेना। 
- आशीर्वाद और श्राप देने की शक्ति प्राप्त करना।
- ईश्वर के रहस्यों को समझना। दो लोगों की आपसी टेंशन को ख़त्म करना। 
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इसे जरुर पढ़ लें-
        देश भर के विभिन्न प्रांतों के भाई बहन और शुभचिंतकों के आग्रह पर हमने सम्मोहन वशीकरण और चक्र जागरण का प्रेक्टिकल तौर पर वैज्ञानिक विधि से सहज कोर्स पॅकेज जारी कर दिया है। यह कोर्स 30 से 45 दिनों का है जो आप घर बैठे आसानी से कर सकते हैं। इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त जानकारी हेतु फोन कर लें। आपको हमारा हर सम्भव सहयोग मिलेगा।   


अतः आप दुनिया को हैरत में डालने वाला सम्मोहन शिक्षा प्राप्त करना चाह्ते हैं तो हमारे नम्बर पर फ़ोन कर सकते हैं.  9565120423 - अशोक भैया, (गोरखपुर, ऋषिकेश, हरिद्वार, दिल्ली,) 

किसी भी जानकारी के लिए फोन करें या व्हाट्सएप पर मैसेज करें। आपका सहयोग किया जाएगा।  

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                                                                                   अशोक भैया - 9565120423 
    

त्राटक के अद्भुत रहस्य


              आज्ञा चक्र से 
          भूत भविष्य का ज्ञान

                (जीवन को सौन्दर्यवान बनाएं)

          मनुष्य का शरीर शक्तियों का गोदाम है। अनगिनत पावर  प्लांट है इसमें। इस पावर प्लांट या पावर हॉउस को समझना बहुत जरुरी है ताकि इसका भरपूर लाभ उठाया जा सके। यूँ तो पूरे शरीर में जितनी कुंडलिनी चक्र है उनमें आज्ञा चक्र भी एक नाम आता है। यह चक्र मस्तक पर दोनों भौहों के मध्य में विद्द्यमान है, जहाँ लोग बिंदी या तिलक लगाया करते हैं।
         
          आज्ञा चक्र के साधक सदा निरोग, सम्मोहक और त्रिकालदर्शी माने जाते हैं। कुंडलिनी के इसी आज्ञा चक्र को योग साधनाओं दवारा जागृत करके किसी भी स्त्री /पुरुष का भूत भविष्य देखा जा सकता है। वर्तमान/तत्काल वह क्या सोंच रहा है यह आसानी से पता लगाया जा सकता है। चुकि पूरे शरीर में स्थित, लौह तत्व की अधिकांश मात्र आज्ञा चक्र पर ही स्थित होता है इस कारण चुम्बकीय प्रभाव भी यही पर होता है।  
          
          अतः जब इस चक्र का हम ध्यान करते हैं तो हमारे शरीर में एक विशेष चुम्बकीय उर्जा का निर्माण होने लगता है उस उर्जा से हमारे अन्दर के दुर्गुण ख़त्म होकर, आपार एकाग्रता की प्राप्ति होने लगती है। विचारों में दृढ़ता और दृष्टि में चमक पैदा होने लगती है। तत्पश्चात जब कहीं भी अपनी दृष्टि जाती है तो वहां के बारे में या उसके व्यक्तित्व के बारे में अंतर्रुपी ढंग से ज्ञान-अनुभव होने लगता है कि, सच्चाई क्या है। आज के युग में तो ऐसी साधना हर किसी को करनी ही चाहिए ताकि सामने वाले पुरुष या स्त्री के मन में क्या है बिना बताये पता लग जाय।  

          आपके प्रति उसके अन्दर कैसी भावना है। वह आपके लिए नुकसानदायक है या फायदेमंद। ये सब कुछ जानकारी मिल जाती है और यह जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि होगी जब आप अपने आज्ञाचक्र को जागृत करने का प्रयत्न करेंगे। सौभाग्य से आपकी आज्ञाचक्र जागृत हो जाता है तो दुनिया में आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं रह जाएगा, यह हमारा दावा है। यदि थोड़ा भी जागृत हुआ तो बेशक आपके लिए वह धारदार शस्त्र का काम करेगा तथा समाज कल्याण के लिए बहुत कुछ कर सकेंगे आप।

          यही नहीं आप आज्ञा चक्र को जागृत करके सम्मोहन वशीकरण में भी अद्भुत लाभ प्राप्त को भी अपने वश में कर सकते है। बिमारियों से मुक्त बन सकते है। ज्ञान के क्षेत्र में शोहरत पूर्ण आगे जा सकते है। अर्थात जिंदगी में कुछ भी कर सकते है। आज्ञा चक्र जागृत करना बहुत मुश्किल नहीं है। इसके लिए विशेष नियम विधि से त्राटक का अभ्यास करना होता है। सही विधि उसे कहते है, जिसके द्वारा आपको सफलता पर सफलता मिलती चली जाये। वरना अशुद्ध और अपूर्ण विधि से आँखें नुकसान भी उठाती  है।  इसी कारण ऐसा त्राटक ज्ञान किसी अनुभवी के मार्गदर्शन में ही करना उचित होता है। 

          क्योंकि ……. ..............इसके जागरण से पूरा शरीर सम्मोहन की उर्जा से आप्लावित हो जाता है जिससे किसी विमार व्यक्ति को स्पर्श करके ही रोग मुक्त कर सकते हैं। किसी अपराधी प्रवृति के युवक या युवती की गलत सोंच को ख़त्म कर उसे सही राह पर लाया जा सकता है। रात दिन तनाव में रहने वाले व्यक्ति को माइण्ड फ्री और फ्रेस बनाया जा सकता है। किसी की उलझी हुई गुथियों को सुलझाया जा सकता है। नशा पान करने वालों को पूर्ण स्वस्थ किया जा सकता है। 

          अतःआज्ञा चक्र जागृत कर एक अच्छा भविष्यवक्ता बना जा सकता है। समाज में अलग स्टेट्स बन सकते हैं। क्योंकि एकाग्रता आपके अन्दर भ्रमण करती रहती है। आज्ञाचक्र जागृत करने के लिए बहुत कठिन युक्ति  भी नहीं है। आइए आज्ञाचक्र को जागृत करने के कुछ उपाय पर चर्चा करते हैं। 

             आज्ञाचक्र जागरण की अन्य विधियाँ भी है जिससे शीघ्र सफलता प्राप्त की जा सकती है। इसमें क्रिस्टल बाल, महाशाक्तिचक्र और आज्ञाचक्र यन्त्र  के माध्यम से यह अभ्यास आसान हो जाता है। परन्तु इसके निरंतर अभ्यास से ही पूर्णता संभव होती है। यदि आप इस सम्बन्ध में रूचि रखते हैं तो हमसे विचार विमर्श कर सकते हैं।  आपको हमारा मार्गदर्शन सहयोग निश्चित रूप से प्राप्त होगा।    

इसे अवश्य पढ़ें-

सभी भाई  बहन और शुभचिंतकों के लिए यह आपार हर्ष का विषय है कि, हमने अपने पूर्व सूचना के मुताबिक त्राटक ज्ञान के साथ सम्मोहन, वशीकरण, कुंडलिनी जागरण का 30 से 45 दिनों का विशेष  कोर्स जारी कर दिया है। इस दुर्लभ त्राटक सम्मोहन कोर्स को अनेक प्रांतों के भाई बंधु और शुभचिंतक लगन पूर्वक कर रहे हैं। अतः मंगल कामना हैं इनकी सफलता के लिए तथा आपके लिए हार्दिक कामना है आपके आगमन के लिए। क्योंकि आप दुनिया से बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं परन्तु ऐसा अद्भुत और दुर्लभ ज्ञान कहीं और से प्राप्त करना बहुत ही कठिन है। नामुमकिन भी मान लीजिये। इस सम्बन्ध में किसी भी जानकारी के लिएआप बेहिचक हमें फोन कर सकते हैं। आपको हमारा भरपूर सहयोग प्राप्त होगा, भरोसा रखें।    
                                                                                    - धन्यवाद ! 
                                            
अतः आप दुनिया को हैरत में डालने वाला सम्मोहन शिक्षा प्राप्त करना चाह्ते हैं तो हमारे नम्बर पर फ़ोन कर सकते हैं.   
- अशोक भैया, 9565120423 गोरखपुर, ऋषिकेश, हरिद्वार, दिल्ली,
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   किसी भी जानकारी के लिए फोन कर सकते हैं - धन्यवाद।  

Sunday, 17 November 2013

त्राटक से सम्मोहन


           मन की बात कैसे जानें ?

          किसी के मन में क्या है, सामने वाला क्या सोंच रहा है। अच्छा सोंच रहा है या गलत सोंच रहा है? इसकी जानकारी हमें होनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो अपनी रक्षा के लिए पहले से हम  सावधान हो सकते हैं। आगे के कार्यों के लिए सही कदम उठा सकते हैं और  ऐसा ज्ञान, ऐसी जानकारी हम प्राप्त कर सकते हैं। किसी के भी मन को आप टटोल सकते हैं। उसके मन को अपने रिमोट पर संचालित कर सकते हैं।
        
           सी ज्ञान जानकारी की उपलब्धि के लिए शास्त्रों  में अनेक विधियाँ है। जिसमे योग, त्राटक, तंत्र, मंत्र, इत्यादि। इसी में टेलीपैथी एक विधि है जिसके द्वारा हम ऐसी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। टेलीपैथी एक  ऐसी  साधना या प्रयोग विधि है जिसका अभ्यास कर मेधावी और त्रिकालदर्शी तक बना जा सकता है। इसके द्वारा नजदिक् या दूर दराज बैठे  व्यक्ति के मन मैं क्या चल रहा है जान  सकते हैं। 
           
          बड़ा ही दिलचस्प विषय है इसके द्वारा लोगों के मन में  झांक सकते हैं। दूसरों के मन की बात जान  लेने के लिए मंत्र विधि भी है, तंत्र विधि भी है जो कुछ जटिल माना  जाता है। किन्तु आज के वैज्ञानिक युग में एक  ऐसी प्रेक्टिकल अभ्यास विधि है जो कुछ विशेष सामग्रियों  के माध्यम से संपन्न की जाती है और इसमें पूरी सफलता भी मिल जाती है। हमारे विचार से यह विधि सभी के लिए सहज है। क्योंकि इसका नियम पूर्वक अभ्यास कर पहले अपने खुद के मन को कंट्रोल में  किया जाता है। उसके बाद तो दूसरे  के मन को कंट्रोल आसानी से किया ही जा सकता है। 
           
        मन एक  चंचल तत्व  है  इसे स्थिर रहना आवश्यक है। स्थिर रहेगा तभी हम इच्छा शक्ति के माध्यम से किसी के भी मन को हस्तक्षेप कर सकते हैं। अभ्यास के बाद आप साधारण नहीं रह जाते, आपके अन्दर असाधारण चुम्बकीय तरंगे तैरने लग जाती है कि, जिधर भी नजर जाए उधर की पूरी स्थिति स्पष्ट  समझ में आ जाए। कोई आपको देख रहा है तो वह बोले न बोले, आप समझ जाते है कि,  वह क्या सोंच रहा है। कैसी भावना से आपको  देख रहा है। अतः सही अभ्यास से किसी भी प्राणी को दास या दासी बनाया जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं। 
            
        किसी के भी मन की बात  उगलवाया जा सकता है। रहस्य की बातें पूछी जा सकती है। उसे सही मार्गदर्शन दिया जा सकता है। उसकी गलत आदतों को सुधारा  जा सकता है। अर्थात सामने वाले से अपनी बात मनवाई जा सकती है। ऐसा होना या करना किसी भी प्रकार से असामाजिक नहीं है। क्योंकि ऐसी शक्ति और पावर तो प्रकृति ने पहले से मनुष्य को दे रखी है, जो अज्ञानता के कारण कोई इस्तेमाल नहीं कर पाता। इसके विस्तार की व्यवस्था आपने ही ख़राब कर दिया है। आप भूल चुके है कि, ऐसा भी हो सकता है। किन्तु ये सत्य है कि , ऐसा होता आया है और  ऐसा निश्चित हो सकता है। 
           
       जिस प्रकार अस्त्र शस्त्रों पर भी धार लगाते रहने की जरुरत होती है, उसी प्रकार अपने अन्दर की साधारण उर्जा तरंगों को भी अभ्यासों के द्वारा पावरफूल बनाया जाता है और यह एकाग्रता पूर्ण  अभ्यास से ही संभव होता है। जब आप अभ्यास शुरू  करते है तो कुछ खाश-खाश बातों पर ध्यान रखते हुए उसे जारी  रखना होता है। अर्थात अभ्यासकाल के दौरान विचारों में, बातों, में, व्यवहार में, वस्त्रों  में, खान-पान में, सादगी रखनी होती है। यह ध्यान रखते हैं तो आपके अभ्यास में सुगमता आती है। आप जल्दी पारंगत होते हैं। यह एक प्रेक्टिकल विज्ञानं है, जिसमें संदेह की कोई गुन्जाईस नहीं। मात्र 35 दिन में आप इसी अभ्यास की बदौलत  साधारण व्यक्ति से असाधारण व्यक्तित्व  बन चुके होते हैं। 


सभी भाई  बहन और शुभचिंतकों के लिए यह आपार हर्ष का विषय है कि, हमने अपने पूर्व सूचना के मुताबिक त्राटक ज्ञान के साथ सम्मोहन, वशीकरण, कुंडलिनी जागरण का 30 से 45 दिनों का विशेष  कोर्स जारी कर दिया है। इस दुर्लभ त्राटक सम्मोहन कोर्स को अनेक प्रांतों के भाई बंधु और शुभचिंतक लगन पूर्वक कर रहे हैं। अतः मंगल कामना हैं इनकी सफलता के लिए तथा आपके लिए हार्दिक कामना है आपके आगमन के लिए। क्योंकि आप दुनिया से बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं परन्तु ऐसा अद्भुत और दुर्लभ ज्ञान कहीं और से प्राप्त करना बहुत ही कठिन है। नामुमकिन भी मान लीजिये। इस सम्बन्ध में किसी भी जानकारी के लिएआप बेहिचक हमें फोन कर सकते हैं। आपको हमारा भरपूर सहयोग प्राप्त होगा, भरोसा रखें।    
                                                                                    - धन्यवाद ! 
ऐसी उपलब्धि हासिल करने के लिए आपको हमारी शुभकामना है। आप घर बैठे हमारे मार्गनिर्देशन में इसके लिए सम्मोहन कोर्स कर सकते हैं। क्योंकि सम्मोहन, वशीकरण, कुंडलिनी जागरण, त्राटक इत्यादि सभी एक दूसरे से जुडी हुई विधाएं है। 

        कोई भी पुरुष/स्त्री, युवक/युवती इसका नियम पूर्वक अभ्यास कर दूसरों के मन की बातें आसानी से जान सकते हैं और दूसरों के मन को अपने हिसाब से संचालित भी कर सकते है। मन को अपने कंट्रोल में करने की यह विधि सर्वथा गोपनीय किन्तु सहज है। इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी के लिए हमें फोन करके प्राप्त कर सकते हैं।     
                                                      
अतः आप दुनिया को हैरत में डालने वाला सम्मोहन शिक्षा प्राप्त करना चाह्ते हैं तो हमारे नम्बर पर फ़ोन कर सकते हैं. 9565120423 - गोरखपुर, ऋषिकेश, हरिद्वार, दिल्ली, इसी के साथ - मंगल कामनाओं सहित- अशोक भैया 

आप हमारे फेसबुक पेज से जुड़कर अपनी समस्याओं के समाधान और अन्यानेक लाभ उठायें. इसके लिए फेसबुक मेंashokbhaiya666@gmail.com टाइप करें. 
                                                                           
 किसी भी जानकारी के लिए फोन करें या व्हाट्सएप पर मैसेज करें। आपका सहयोग किया जाएगा।   - धन्यवाद।
 अशोक भैया    -9565120423 ऋषिकेश, दिल्ली, हरिद्वार, लखनऊ, गोरखपुर 

वशीकरण तिलक बिंदी का अचूक प्रभाव

                 वशीकरण तिलक 

            (जिससे भी मिलें सम्मोहित हो जाए) 

          प्राचीन शास्त्र ग्रंथो में  किसी को भी सम्मोहित करने या उसे अपने वश में करने के अनेकों उपाय उपलब्ध हैं जिससे पत्थर दिल वाले भी सहजता से मोहित होकर आपकी इच्छाओं के अनुकूल संचालित रहते हैं। आप जिस तरह से चाहते हैं, जैसी इच्छा बनाते हैं सामने या दूर बैठा पुरुष या स्त्री आपके इच्छा का पालन करना ही अपना धर्म मानने लगता हैं। 
          
        क्योंकि सम्मोहन  किसी के भी मन को मोह लेने की वैज्ञानिक क्रिया है l यह कोई जादू, मंत्र, टोना, टोटका नहीं है। यह शुद्ध रूप से शरीर और मन का विज्ञान है जिसे ऋषि मुनियों ने भी प्रयोग किया और प्रबुद्ध लोगों और वैज्ञानिकों ने भी। इसके लिए अनेकों विधि है। आप सम्मोहन का ज्ञान प्राप्त करके जीवन में हलचल मचा सकते हैं और जीवन को लायक भी बना सकते हैं। इसी साईट पर आगे आप हमारे सम्मोहन वशीकरण से सम्बंधित अन्य लेख पढ़ें। हमारा सहयोग आपको अवश्य मिलेगा। यहाँ हम सहज प्रयोग के रूप कुछ ऐसे बिंदी या तिलक धारण विधि को बताएँगे जिसका परिणाम देखकर आप चकित रह जाएँगे। यानी  मस्तक पर कुछ ऐसे तिलक, बिंदी या टिक्का लगाने का प्रयोग जिसका प्रभाव सामने वाले नर-नारी को अपने सम्मोहन मैं आसानी से बांध लेता है। 
          
          इस विधि का प्रयोग  करके आप जिसके भी सामने जाएँगे या सामने से गुजरेंगे वह आपसे आकर्षित हुए बिना नहीं रहेगा। जब बात करेंगे तो आपकी बातें, विचार उसे बहुत पसंद  आएगा।  आप जो भी कहेंगे उसका मन उसे स्वीकार करता जाएगा। आपके लिए भविष्य मैं वह निश्छल रूप से मित्रता पूर्ण  व्यवहार करेगा। चाहें कोई अधिकारी हो, कर्मचारी हो, प्रेमी हो, प्रेमिका हो, नौकर हो, मालिक हो, दुकानदार हो, कोई भी हो, पूरी दुनिया के लोगों  के लिए इसका प्रभाव बराबर लागू  होता है। क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर का सर्वाधिक लौह तत्व  मष्तिस्क के बीच  होता है जहाँ बिंदी या तिलक लगाई  जाती है। इसे आज्ञा  चक्र या गुरु चक्र भी कहते हैं। 
         
          आमतौर पर जब 2 व्यक्ति आमने सामने मिलते हैं तो एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति  पर निश्चित ही हाबी हो जाता  है, कारण कि, उस समय किसी एक का लौह तत्व यानी मैग्नेटिक तरंग, जिसे चुम्बकीय तरंग भी कहते हैं वह  पावर में होती है। इस कारण मुलाकात सामान्यतः औपचारिक  हो जाती  है। किन्तु एक व्यक्ति अपने आज्ञाचक्र पर बिंदी या तिलक लगाकर बात करे तो दूसरे वाले पर भारी पड़  जाता है। क्योंकि एक की चुम्बकीय तरंग दूसरे से शक्तिशाली होती है और कमजोर तरंग वाला सम्मोहित हो जाता है। 
          
          अर्थात मस्तक पर आज्ञा चक्र का बहुत ही महत्व है। यह गोपनीय विधि है जिसे सार्वजनिक किया  जा रहा है। मस्तक पर अपने आज्ञा चक्र पर लगाने के लिए दी जा रही  कुछ सामग्रियों का प्रबंध करके बिंदी या तिलक लगाए फिर देखें दुनिया किस कदर लट्टू हो जाती है और आपका काम बनने  लगता है। जिससे भी मिलने जाना हो ये तिलक लगाकर सामने जाएँ। किसी के विवाह में वाधा  रूकावट हो तो युवक या युवती को दिखावा के वक्त ऐसा बिंदी या तिलक लगादें सफलता मिलेगी। अधिकारी से कोई कार्य हो तो  काम बन जाएगा। दुकान पर ग्राहक आएँगे। दुश्मन,  दुश्मनी भूल जाएगा। क्योंकि इसका असर महिला या पुरुष सभी पर बराबर  होता है। 
         
        कोई आपसे नाराज चल रहा है तो फिक्र न करें, उसका नाम उच्चारण करके बिंदी / तिलक लगाकर सामने जाएँ तुरंत  परिवर्तन दिखेगा। दुनिया की कोई भी वस्तु बेकार या फालतू नहीं होती। ज्ञान हो तो एक तिनका भी अपना बेशकीमत मूल्य रखता है। प्राचीन सामग्रियों का महत्व आज भी तरोताजा है। चुकि  आधुनिकता की चपेट मैं हम प्राचीन शास्त्र सामग्रियों को भुलते  चले जा रहे  हैं, परन्तु आज भी इनमें रामबाण असर है। चुनौतीपूर्ण पावर  है जो काफी सहजता से आपकी समस्या समाधान करते हुए आपको एक  सम्मोहक व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत करती है। अतः नीचे  3 प्रकार के बिंदी या तिलक प्रयोग करने की आसान विधि दी जा रही है, आपको इसका शत - प्रतिशत लाभ मिलेगा। 

विधि -

1- तुलसी का बीज, रोली और काली  हल्दी को आंवले के रस में मिलाकर गोल बिंदी या गोल/लम्बा तिलक लगाकर घर से निकलें। किसी से भी मिलना हो आराम से बात करें। वह व्यक्ति आपके सम्मोहन बंधकर जवाब देगा, जो आपके हक़ मैं सकारात्मक होगा । 

विधि -

2-  गुरुवार  के दिन हरताल और असगंध को केले के रस में पीसकर उसमें गोरोचन मिलाएं  और बिंदी या तिलक करें। समान लाभ होगा।

विधि - 

3- गुरुवार के दिन ही काली  हल्दी, रोली, असगंध  और चन्दन को आंवले के रस में मिलाकर  तिलक या बिंदी करें। समान लाभ मिलेगा। 
          
         प्रस्तुत तीनों प्रयोग अनेकों लोगों पर आजमाया हुआ है। आप अपने शहर  के किसी व्यक्ति या दुकानदार  से सामग्रियों की व्यवस्थl कर विधि के अनुसार प्रयोग करें। जो भी आपसे नजर मिलाएगा वो ठगा सा रह जाएगा। क्योंकि देखने वाले की मैग्नेटिक तरंग कमजोर होती है और उसपर आपके बिंदी तिलक का जबरदस्त  असर जो होता है । किन्तु हाँ, आप अपने अन्दर की नकारात्मक सोंच ख़त्म कर दें तो यह प्रयोग बिजली की तरह काम करता दिखेगा। आप अभी से सकारात्मक सोंच की आदत डालिए ये आपको और भी मामलों में कामयाबी  दिलाएगा। 

नोट - उपरोक्त सामग्री उपलब्ध न कर पायें तो संस्थान से प्राप्त कर लें। स्पीड पोस्ट  डाक से भेजने का प्रबंध है। 

अथवा संस्थान द्वारा दुर्लभ सामग्रियों से निर्माण किया हुआ महोष्ठगंध तिलक पाउडर को मंगाले और उसे आंवले  में मिलाकर तिलक या बिंदी करें शत प्रतिशत लाभ प्राप्त होगा।  महोष्ठगंध के लिए आप फोन कर सकते हैं। 

विशेष - यदि आप ऐसे प्रयोग में  रूचि रखतें हैं  तो कहीं से सिद्ध क़िया  हुआ वशीकरण यन्त्र प्राप्त करें। जब भी किसी महत्वपूर्ण मुलाकात करने जाना हो तो वशीकरण यन्त्र के सामने 21 बार  व्यक्ति  का नाम और इच्छा दुहराकर तिलक लगाएं  और घर से निकलें। आप खुद इसके प्रभाव और अप्रत्याशित लाभ से दंग  रह जाएँगे। अतः आप बिना संदेह विधि का प्रयोग करें। इस सम्बन्ध में कोई भी अन्य जानकारी लेनी हो तो सीधे  फोन करके पूछ लें। हमारा सहयोग आपको निश्चित मिलेगा।  

नोट- यह आपार हर्ष का विषय है कि, हमने अपने पूर्व सूचना के मुताबिक त्राटक ज्ञान के साथ सम्मोहन, वशीकरण, कुंडलिनी जागरण का 30 से 45 दिनों का विशेष कोर्स जारी कर दिया है। इस दुर्लभ त्राटक सम्मोहन कोर्स को अनेक प्रांतों के भाई बंधु और शुभचिंतक लगन पूर्वक कर रहे हैं। अतः मंगल कामना हैं इनकी सफलता के लिए तथा आपके लिए हार्दिक कामना है आपके आगमन के लिए। क्योंकि आप दुनिया से बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं परन्तु ऐसा अद्भुत और दुर्लभ ज्ञान कहीं और से प्राप्त करना बहुत ही कठिन है। नामुमकिन भी मान लीजिये। इस सम्बन्ध में किसी भी जानकारी के लिएआप बेहिचक हमें फोन कर सकते हैं। आपको हमारा भरपूर सहयोग प्राप्त होगा, भरोसा रखें।    
 
किसी भी जानकारी के लिए फोन करें या व्हाट्सएप पर मैसेज करें। आपका सहयोग किया जाएगा।   - धन्यवाद।
                                                                                                             अशोक भैया  - 9565120423

Saturday, 14 September 2013

अपनों से अपनी बात



          अपनों से अपनी बात


सम्मोहन, स्वर्णनिर्माण, वास्तु सामग्री चर्चा

मेरे पिछले सभी ब्लॉग को देश के कोने-कोने में पढ़ा और पसंद किया गया। पढ़ने और पसंद करने का क्रम अब भी लगातार जारी है। इस सिलसिले में अनेकों मित्र-शुभचिंतक मिले जो बड़ा ही हिम्मत दिखाते हुए मुझको समझे और मुझपर भरोसा किये। मैंने सोंचा सभी  के नाम दे दूँ मगर रुक गया, क्योंकि मुझे भी परखना है। बहरहाल आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद और आपकी सुखद भविष्य की मंगल कामनाएं। 

कुछ बातें शुरू नहीं की जाती बल्कि हो जाती है। ऐसा तभी होता है जब बात और विषय में दम होता है। इस साईट पर मैने स्वर्ण निर्माण और सम्मोहन शास्त्र पर बिलकुल  प्रेक्टिकल और गोपनीय लेख दिया जिसे नेट सुविधा के चलते अनेकों भाई बहन और शुभचिंतकों ने सराहा तथा मुझसे सहयोग लेते हुए प्रयोग किया। स्वर्ण निर्माण पर जल्द ही कुछ और सहज सुगम लेख देने वाला हूँ। इससे भी हैरत अंगेज जो लेख देने वाला हूँ उसका शीर्षक होगा। पारस पत्थर का निर्माण संभव है। यह आपके लिए अद्भुत और उपयोगी होगा। सम्मोहन विज्ञान में रूचि रखने वाले शुभचिंतकों के लगातार फोन आ रहे हैं। मुझे तो हर्ष हो रहा है कि ऐसे गुमनाम होते विषय को अब बड़ी उत्साह और उमंगों के साथ चर्चा होने लगी है। ऐसा होना आपके उत्तम भविष्य का शुभ संकेत है। मुझे तो आश्चर्य है की बहुतेरे लोग वर्षों से सम्मोहन विज्ञान को समझने की लालसा लिए निराश हो चले थे, आज संपर्क में आने के बाद जैसे उन्हें खजाना मिल गया। 

अब आपको भी इस खजाने तक पहुँच बनानी है। जिन्होंने अपना सौभाग्य सहेज कर रखा था वो हमारे व्यक्तिगत मार्ग निर्देशन में अभ्यासरत होकर प्रगति पथ पर है। मेरा तो ह्रदय से प्रयास है आपको आपकी मंजिल पर पहुचाना। इसलिए एक बार पुनः दुहरा रहा हूँ- कि भरोसा रखिये, मेरा सहयोग आपके जिंदगी को इतना बुलंद कर देगा कि, जो देखेगा - आपको देखता ही रह जायेगा। आप जहाँ भी रहेंगे चर्चा में रहेंगे। आप जो चाहेंगे वैसा ही होगा। यही है सम्मोहन विज्ञान की प्रमुख प्रामाणिक रहस्य और यह साधारण बात या साधारण चर्चा नहीं है। यह जीवन की एक ऐसी चर्चा है जो सर्वथा गोपनीय और दुर्लभ रही है। अवसर को समझिये और अवसर का सम्मान कीजिये। कल दुनिया आपको सलाम ठोकेगी।   

सम्मोहन ज्ञान आज के युग में वरदान है। हमारी सांसे, हमारे कार्य, हमारी सम्पूर्ण गतिविधियाँ सब कुछ इसी के सहारे संचालित है। इसी कारण इसे प्राण विज्ञान भी कह सकते हैं। यदि सम्मोहन विज्ञान के रहस्य को समझते हुए अपनी दिनचर्या आरम्भ किए जाये तो सभी कार्यों में सफलता मिलकर ही रहती है इसमें कोई शक नहीं। किसी को सम्मोहित करने की बात हो या किसी के सम्मुख सम्मोहक दिखने की बात हो। व्यावसायिक समस्या हो या पारिवारिक अशांति की बात हो। जितनी बारीकी से सम्मोहन विज्ञान को समझेंगे उतना ही तरक्की अपनी आँखों से देखेंगे। यह मेरा दावा है आपको कि, यदि आपने इसे समझ लिया तो यकीन मानिए, दुनिया की कोई ताकत आपकी तरक्की रोकने का साहस नहीं करेगी। यह सम्मोहन विज्ञान का स्पष्ट कथन है।  (सम्मोहन विज्ञान पर इससे पूर्व के मेरे ब्लॉग अवश्य देखें)

आगामी ब्लॉग के शीर्षक -
पारस पत्थर का निर्माण संभव है। 
बगावत का बहाना। 
तीसरी आँख खोलने का सहज उपाय। 
हवा से दवा बनाने की तरकीब।   
सम्मोहित करने की कला। 
स्मरणशक्ति पावरफुल बनायें।
मन्त्रों का अचूक परिणाम। 
दुनिया को वश में करें।  

अब मैं आता हूँ वास्तु शास्त्र की चर्चा पर जिसमें फेंगसुई वास्तु की अद्भुत लाभ देने वाली कुछ चर्चित सामग्रियां सामिल हैं। परन्तु उससे पूर्व मैं वास्तु दोषों से परेशान सज्जनों से कहूँगा, यदि आपके यहाँ किसी प्रकार का वास्तु दोष का संदेह हो तो उसे यथाशीघ्र दूर करने का प्रयत्न करें। क्योंकि मकान में वास्तु दोष का होना कोई तंत्र मंत्र नहीं बल्कि यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो अशुभ है। वास्तु नियम के हिसाब से आवश्यक परिवर्तन करते ही आगामी समस्याओं से भी मुक्त रहेंगे तथा पारिवारिक सुख शांति में लगातार तरक्की पाएंगे। अतः आप अपने किसी करीबी जानकार से इसकी सलाह लें अथवा हमें भी फोन करें तो आपको उचित सलाह निश्चित दिया जायेगा। फेंगसुई वास्तु शास्त्र में आज अनेक ऐसी सामग्रियां उपलब्ध है जो आपके परसनल समस्याओं के लिए अचूक हैं। इन सामग्रियों के बारे में प्रायः लोग पूछते रहते हैं अतः सामग्रियों के नाम, लाभ और उसका सेवा शुल्क नीचे दिया जा रहा है।  इसकी शुद्धता, प्रयोग के बाद ही मालूम हो सकेगा। यदि आप इन्हें प्राप्त करना चाहें तो आपके नाम पते पर सुरक्षित डाक अथवा कोरियर से भेजने का प्रबंध कर दिया जायेगा। घर बैठे सामग्रियां मंगाने के नियम सबसे नीचे देखें।

                  अद्भुत उपयोगी सामग्रियां  

लाफिंग बुद्धा - चीन जैसे राष्ट्र के हर घर, व्यवसाय और कार्यस्थल पर हंसते हुए बुद्धा मूर्ति की स्थापना खाश रूप से देखी जाती है। अन्य देशों में भी जब ऐसी मूर्ति को फेंगसुई वास्तु सिधांत पर स्थापित किया गया तो लोग आवक रह गए। आज भारत के पारिवारिक या व्यावसायिक वर्गों में भी बुद्धा मूर्ति को स्थापित करना शुभ माना जाता है। ऐसी मूर्ति प्राप्त करके अपनी मकान, दुकान, आफिस या स्थान पर अन्दर इस प्रकार से स्थापित करें ताकि मूर्ति का चेहरा मुख्य द्वार को देखती हो। बुद्धा मूर्ति स्थापना से परिवार में शांति बनी रहती है। कार्य व्यवसाय तरक्की पर रहता है। नजर का दोष ख़त्म होता है। धन आगमन का श्रोत खुलता है। रुके कार्य पुनः आरम्भ हो जाते हैं। (इसे भोजन कक्ष में रखना मन है) 
लक्की कॉइन - ऐसा सौभाग्य युक्त सिक्का आज के युग में वरदान ही है। यह सिक्के आप दवारा इकट्ठे धन की सुरक्षा करते हैं। इसे अपने जेब, पर्स में रख सकते हैं। घर में, दुकान में, आफिस में पैसे रखने वाले स्थान पर रखें तथा लाल रिबन धागा में लगाकर दरवाजे की कुण्डी में लगा दे, इसे अपने बैंक के पास बुक या तिजोरी के दराज पर चिपका दें तो भी लाभ हाथों-हाथ मिलता है। यह सिक्का निर्धनता दूर करने में पूर्ण असरदाई होता है। बेशुमार धन संचय हेतु चीनी संस्कृति में इसके अनेक उदहारण मिलते हैं। इस सिक्के को आप अपने किसी प्रिय जन को उपहार करते हैं तो उसका प्रभाव आपके जीवन को भी प्रभावित करता है। इस लक्की कॉइन की एक विशेषता है कि, कहीं भी रखे तो इसका धागा अपने आप तब खुल जाता  है जब कोई आकस्मिक घटना होने को होती है। तब इसे पुनः बांध दिया जाता है। 
पियोनिया फूल -  जिस युवती की  शादी में अड़चनें आती हो तो पियोनिया के फूल चित्र को बैठका / ड्राईंग रूम में स्थापित कर दें और 6 रत्ती का सिद्ध किया पुखराज रत्न को गुरुवार के दिन सोने या पीतल में बनवाकर बाएं हाथ की तर्जनी में धारण करें। विवाह वाधा दूर होकर अच्छे घराने में रिश्ता निश्चित ही तय हो जाता। है। (फूल चित्र को शयन कक्ष में न लगायें)
पारद मुंगोनी- -  वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तकनीक से निर्मित पारद मुंगोनी के बारे में यही समझ जाता है कि, यह सौ तालों की एक चाबी है. इसके शरीर से स्पर्श करने पर ही अपने पाजेटिव प्रभाव के चलते जीवन की समस्याओं को आपसे दूर रखता है. यह पारा और विशेष स्टोन से निर्मित होता है. इसके धारण से सामाजिक, पारिवारिक, व्यावसायिक, राजनैतिक आदि क्षेत्र में भारी सफल प्राप्त होती है. इसके धारण और स्पर्श से ही नौकरी, व्यवसाय, में लाभ, कोर्ट कचहरी में भारी  विजय, आकस्मिक मृत्यु और दुर्घटना का टालना निश्चित हो जाता है. तथा आपके अंदर किसी को भी वश में करने क्षमता आने लगती है. इससे शत्रु विरोधी भी परास्त होते हैं तथा लक्ष्मी का आशीर्वाद आश्चर्यजनक रूप से प्राप्त होने लगता है. इसे आजमाने की आवश्यकता नहीं, धारण करके लाभ उठाने कि जरुरत है. 
महोष्ठगंध तिलक पावडर -  प्राचीन ग्रथ साहित्यों के अनुसार किसी को भी सम्मोहित, आकर्षित करने के लिए अनेक उपाय है. जिसमें प्राचीन दुर्लभ जड़ी वनस्पतियों का महत्वपूर्ण स्थान है. अतः कई दुर्लभ जड़ी वनस्पतियों द्वारा महोष्ठगंध तिलक पावडर को निर्मित किया गया है.  इसके प्रयोग से मनोनुकूल लाभ प्राप्त किया हैं. आज हमने बिलकुल ही श्रेष्ठ और गोपनीय सामग्रियों के द्वारा निर्मित इस महोष्ठगंध तिलक पावडर को प्रस्तुत किया जा रहा है. इसे आंवले के रस में मिलाकर बिंदी या तिलक करने से सामने पड़ा कोई भी स्त्री पुरुष आकर्षित सम्मोहित होते हैं. और जब बात होती है तो आप सामने वाले पर भारी पड़ने लगते हैं. आज भी ज्ञानी संत और ऋषि लोग इस तिलक का प्रयोग कर समाज में आकर्षक बने मिलते हैं. निःसंदेह आपके लिए यह तिलक पैकेट अनेक रूप से लाभकारी हो सकता है. विस्तार से जानकारी के लिए हमारे फेसबुक पेज पर देखें या फोन करें. 
महा वशीकरण सिद्ध कवच -    

इसके धारण से सम्मोहन वशीकरण के साथ आपके बिजनेश-व्यवसाय, पर भी लाभ मिलता है और 

सामजिक, पारिवारिक, राजनैतिक विषयों में भी लाभ देता  है. क्योंकि महा वशीकरण सिद्ध कवच 

वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रितियों से निर्माण संभव हुआ है. फलस्वरूप इसके द्वारा किसी भी 

पुरुष स्त्री, बच्चा बुड्ढ़ा, खुद ब खुद आपसे आकर्षित सम्मोहित होते रहते हैं. आप जिनके बारे में 

विचारते हैं उसकी तरफ से पहल होने लगती है. आपकी तरफ उसका झुकाव बढ़ता ही जाता है. 

आपसे चिपकते जाने में ही शान्ति महसूस करता है. महा वशीकरण सिद्ध कवच को धारण किये  

हुए जब आप किसी से वार्ता करते हैं तो आप उस पर भारी पड़ने लग जाते है और मजबूरन उसे 

आपकी बात माननी ही पड़ती  है. किसी भी दुश्मन विरोधी पर आपकी नजर पड़ती ही वह ठंडा पड़ 

जाता है और आपसे मित्रवत व्यवहार करने को विवस होता है. आप जिस कार्य क्षेत्र से जुड़े हैं, उसकी 

व्यर्थ वाधा, रुकावटें ख़त्म करके आपको सफलता का मार्ग दिखाता है. 


क्योंकि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. 
आपकी सोंच में दम हो, इरादों  में संकल्प हो तो आपको 


सफल होने से कोई माई का लाल नहीं रोक सकता. अतः आपकी स्थाई  और गैर स्थाई समस्याओं 


को देखते हुए इस अष्टधातु निर्मित पारद और विशेषरत्नों से जड़ित करामाती महावशीकरण सिद्ध कवच 


का निर्माण संभव हुआ है और इसे श्रेष्ठ नक्षत्र में सिद्ध कर आपके हित में अद्भुत औजार बना दिया गया है. 

अतः प्राचीन ग्रन्थ शास्त्रों के अनुसार अष्टधातु निर्मित इस कवच को ऋषि मुनियों ने भी जीवन 


को सफल सुखी और कार्य सिद्धके लिए उचित उपाय बताया है. इस वशीकरण कवच के धारण से अंदर 


के विकार और नकारात्मक तत्त्व छिन्न भिन्न हो जाते हैं और आप पॉजिटिव सोंच के मालिक बन 


जाते हैं. इसी कारण आपके मुख मंडल पर कोई दिव्य आकर्षण खिल खिल जाती है. और उसी आकर्षण 


में सम्मोहित होकर पुरुष या कोई भी स्त्री आपसे बातचीत करके अथवा आपके बारे में विचार करके 


प्रसन्न हो बैठते है. इसके धारण से दुष्ट आत्माएं और तंत्र मन्त्र का भय या आकस्मिक दुर्घटनाओं की 


शंका भी ख़त्म हो जाती है. अतः इसे आजमाने के लिए नहीं, बल्कि इसका भरपूर लाभ प्राप्त करने 


का दृढ विचार करते हुए शुक्र या सोमवार के दिन ११:४५ बजे दिन में ११ बार इस मन्त्र का शुद्ध उच्चारण 


( मन्त्र - ॐ खं खीं खें नमः ) करके गले में धारण करके आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त करें. 
नोट - इस सम्बन्ध में किसी भी तरह की अन्य जानकारी के लिए फोन कर सकते हैं.  9565120423

   
सिद्ध नवग्रह मुद्रिका - सुख-समृद्धि  और वैभवशाली जीवन  लिए सभी  बैलेंस में होना आवश्यक है। यदि आपको लगता है कि कोई ग्रह बार-बार आपकी सफलता छिन लिया करता है तो फ़ौरन सिद्ध नवग्रह मुद्रिका दाहिने हाथ की किसी भी उंगुली में धारण कर लें तो हर कार्य में सफलता मिलने लगती है। इसके धारण से दुर्भाग्य का नाश होता है। नवरात्रिकाल में सिद्ध यह मुद्रिका निश्चित ही अचूक व प्रभावशाली उपाय है। अष्ठ धातु  निर्मित यह मुद्रिका देवताओं में भी सर्वप्रिय रहा है। इसके धारण से व्यवसाय चमक उठता है। नौकरी की इक्छा होती है। प्रमोसन मिलता है। दूसरों पर सम्मोहन की क्षमता बनती है। कर्ज से छुटकारा मिलता है। दुश्मन विरोधी नम्र बनते हैं और मन की समस्त अभिलाषाएं पूरी होती हैं। 
क्रिस्टल बाल -  क्रिस्टल बाल एक वैज्ञानिक वस्तु है जिसका कार्य है नकारात्मक दोष ख़त्म करके शांति और समृद्धि प्रदान करना। क्रिस्टल बाल मकान, दुकान या आफिस में इस तरह से लटकाएं ताकि लोगों की तुरंत दृष्टि पहुच सके। इसके प्रयोग से आपसे मिलने वाले आपके प्रभाव में बने रहते हैं। टेंसन, दुर्घटना, बीमारी कंट्रोल में होती है। आगंतुकों में वृद्धि होती है। बुरी नजरें व तंत्र मंत्र का प्रभाव ख़त्म होकर कार्य-व्यवसाय चमक उठता है। रोगी व्यक्ति के कमरे में लगा दें तो रोग समाप्त होने लगता है।     
करामाती कछुआ -  जिस मकान, दुकान, आफिस या कार्यालय में कछुआ की स्थापना की जाती है वहां की समस्याएं ख़त्म होकर चौतरफा लाभ होने लगता है। मकान में कछुआ रखने से परिवार के सदस्यों को बीमारी रहित लम्बी उम्र प्राप्त होती है। दुश्मनी ख़त्म होती है। पारिवारिक व मानसिक लाभ मिलता है। परिवार में संतान वृद्धि की स्थिति बनती है। इसे पूर्व उत्तर की दिशा में स्थान देकर आकस्मिक लाभ देखा जा सकता है।      
सभी प्रकार का माला - रुद्राक्ष माला. नवरत्न माला, मोती की माला. स्फटिक माला, तुलसी की माला, वैजंती माला, हकीक माला, अर्थात सभी तरह के माला भी उपलब्ध. इसके धारण से मनोकामना की पूर्ति होती है। शरीर स्वस्थ व सम्मोहक बनता है। धर्म कर्म में रूचि बढती है।  
फिनिक्स -  यह लाल रंग का अद्भुत पक्षी होता है। नौकरी वाधा दूर करने में इसे अचूक माना जाता है तथा व्यापार के दवारा धन की इक्छा रखने वालों के लिए यह कारगर होता है।       
शुद्ध स्फाटिक माला - शुद्ध स्फटिक माला धारण से मानसिक तनाव ख़त्म होता है। स्मरण शक्ति में वृद्धि होने लगती है। मन शीतल व् शांत बनता है। इसके धारण से आंतरिक ऊर्जा में भ बढ़ोतरी होती है  पर भी अपनी बातों का असर पड़ता है। वाणी प्रभावशाली बनते हर कार्य क्षेत्र में सुगमता आ जाती है।      
सभी प्रकार के यंत्र - श्री यंत्र, कुबेर यंत्र, लक्ष्मी यंत्र, गणेश यंत्र. महा मृत्युंजय यंत्र, बगलामुखी यंत्र, वास्तु दोष यंत्र, व्यापार यंत्र, पुत्र प्राप्ति यंत्र, वाहन यंत्र, सरस्वती यंत्र, ऋणमोचक यंत्र, कनकधारा यंत्र, उर्वशी यंत्र, तारा यंत्र आदि सभी तरह के यंत्र प्राप्त किया जा सकता है.        
पारद शिवलिंग - जब किसी का भाग्य उदय होता है तो वह पारे के शिवलिंग का दर्शन का पाता है। जब दुर्भाग्य का नाश होना होता है तो कोई व्यक्ति पारद शिवलिंग की स्थापना करता है। पारा एक चंचल तत्व होता है जिसे भूमि पर गिर जाने पर हाथ से उठा पाना असंभव ही होता है। परन्तु इसी पारे को जब दुर्गम वनस्पत्तियों से ठोस करके संस्कारित कर दिया जाता है तो यह अद्भुत फल देने वाला उपयोगी यन्त्र बनकर असंभव कार्य संभव कर दिखाता है। अतः ऐसे सिद्ध शुद्ध और संस्कारित पारद शिवलिंग का मात्र दर्शन करना ही सौभाग्य प्रदान करता है। ऐसे शिवलिंग के सम्मुख यदि 11 बार ॐ नमः शिवाय का उच्चारण करके घर से  निकलें तो वाधाएं ख़त्म होकर सभी कार्य बनते है। इसकी स्थापना से मन की इक्षाये पूरी होती है। सुख समृद्धि और सौभाग्य अनायास ही प्राप्त होने लगता हैं।  
वाहन दुर्घटना वचाव यन्त्र  - स्कूटर , मोटर साईकिल, कार, जीप, ट्रक, बस, ट्रेक्टर या किसी भी वाहन पर नव्रत्रिकाल में सिद्ध किया वाहन दुर्घटना वचाव यन्त्र लगा दें तो आकस्मिक दुर्घटनाएं निश्चित ही टल जाती है तथा घटना दुर्घटना का पूर्वानुमान होने लग जाता है। इसे अनेक लोग आजमा चुके हैं।          
महोष्ठ्गंध तिलक - महोष्ठ्गंध कुछ दुर्लभ वनस्पत्तियों के सहयोग से निर्माण किया गया यह बिंदी तिलक करने की अद्भुत सामग्री होता है। किसी को भी सम्मोहित करने की यह आसान और अद्भुत व्यवस्था है। महोष्ठ्गंध पावडर को आंवले के रस में मिलाकर तिलक या बिंदी कर लें तो सामने पड़ा व्यक्ति या प्राणी आपके प्रति सम्मोहित हो जाता है। आप जो भी कहते हैं उसे स्वीकार करना पड़ता है तथा भविष्य में वह आपके लिए भरोसेमंद बना रहता है।  इसे प्रयोग करके इसका चमत्कार देख सकते हैं।         
सियारसिंगी - श्रेष्ठ नक्षत्र में सिद्ध किया सियारसिंगी का तंत्र शास्त्र में अद्भुत महिमा दिया गया है। गीदड़ का मष्तिष्क विकृत होने के बाद ही मनुष्य इसे प्राप्त कर पाता है। इसकी पहचान यह है कि, सिंदूर और कपूर के साथ इसे रखने पर इसके बाल बढ़ते हैं। अतः  सियारसिंगी  कहीं से भी प्राप्त कर चंडी की डब्बी या लाल वस्त्र में करके सिंदूर कपूर के साथ जेवर, रुपये पैसे रखने वाले स्थान पर रखें तो धनवृद्धि के मार्ग खुलते हैं। कर्ज से मुक्ति मिलती है। दुर्घटनाओं से रक्षा होती है। मुक़दमा में विजय की प्राप्ति होती है। सामाजिक प्रतिष्ठा बढती है। अपने अन्दर सम्मोहन की उर्जा बनता है।      
लक्की कार्ड  - हर क्षेत्र में दुनिया को मुट्ठी में  करने लिए के लक्की कार्ड को जेब या पर्स में अवश्य रखें। लक्की कार्ड से सभी कार्य सफल होते हैं। अधिक से अधिक मित्र बनते हैं। इंटरव्यू परीक्षा साकार होता है। अधुरा कार्य पूर्ण होता है। बार-बार ही भाग्य साथ देने लगता है। आजमायें नहीं, इसका लाभ आज ही से उठायें।
एकाक्षी नारियल -  यह समुद्री फल होता है जिसमें लक्ष्मी निवास करती हैं। इसे प्राप्त करके घर के पूजा स्थान या गल्ला में गंगाजल से नहलाकर रखा जाय तो धन की बढ़ोतरी उसी दिन से आरम्भ हो जाती है। यदि ग्रहण, दीपावली, नवरात्रि या होलिका के समय एक साथ चार नारियल लेकर अपने सर के चारों ओर घुमाकर पीले वस्त्र में उसे बिना टूटे चावल के साथ बांधकर कहीं सुरक्षित रख दें तो लक्ष्मी सदा आप पर मेहरबान बनी रहती हैं।     
नशा मुक्ति चूर्ण-  यदि आपके परिवार में या मित्र परिचितों में कोई शराब अथवा किसी भी नशे की लत है तो उसे नशा मुक्ति चूर्ण रोज रात्रि में एक चम्मच किसी भी चीज में मिलाकर खिलाएं तो व्यक्ति में नशे की नकारात्मक इक्षा समाप्त होने लगती है। धीरे धीरे वह पुरुष या स्त्री अपने नशे की लत को ही लात मारने लगता हैं। आगे चलकर नशे की उस लत से सदा के लिए आजाद हो जाता हैं। यह चूर दुर्लभ जड़ी वनस्पतियों से निर्मित होता है. इसके सेवन से और भी लाभ संभव हो उठता है. 
एकमुखी रुद्राक्ष -  यदिएकमुखी रुद्राक्ष अपने आपमें दुर्लभ सामग्री है। इसकी उपयोगिता इसी से समझी जा सकती है कि संत समाज से लेकर आम आदमी तक इसे प्राप्त कर लेना ही अपना सौभाग्य मानता है। ऐसे दुर्लभ रुद्राक्ष को पूजा स्थान में रखें तो भगवान् शिव प्रसन्न होते हैं। मनोइक्षाये पूरी होती है। इसे लाल धागे में या चांदी में मढ़ा कर गले में धारण करें तो समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है।  
रुद्राक्ष दाना-  एक मुखी से १४ मुखी तक के रुद्राक्ष दाना अपनी जरुरत पर प्राप्त कर सकते हैं. रुद्राक्ष धारण से शरीर स्वस्थ और सम्मोहक बनता है. कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है. किसी पर किये कराये का संदेह ख़त्म हो जाता है. बुद्धि एकाग्र बनती है. सोंचने समझने की शक्ति में बढ़ोतरी होती है. 
लक्ष्मी चरण पादुका -  लक्ष्मी के १६ शुभ चिन्हों वाला चरण पादुका जहाँ भी स्थापित किया जाता है वहां से समस्याओं का नाश होते देखा गया है। इसकी स्थापना से धनाभाव ख़त्म होकर स्थाई धन संपत्ति का मार्ग प्रसस्त होता है। इसे मकान, दुकान, आफिस या कहीं भी दरवाजे पर चिपकाना भी शुभ होता है। अष्ठ धातु से निर्मित यह चरण पादुका सुख समृद्धि हेतु निश्चित ही उपयोगी सामग्री है।
राशि कार्ड -  सभी राशियों के कार्ड जैसे मेष, बृषभ ,मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर,  कुम्भ, मीन होता है। अपने राशि के कार्ड को प्राप्त कर इसे नेमोलोजी सिस्टम के अनुसार खाश नंबर का १० रुपये के नोट के साथ अपने पास रखें तो इसके प्रभावी सफलता से आप गर्व करेंगे। पढाई, परिक्षा, व्यवसाय, सर्विस, सम्मोहन एवं सभी प्रकार की सफलताओं को निकट लाता है।   
पुत्रप्राप्ति यंत्र  -  सभी  निःसंतान व्यक्तियों के जीवन से पुत्राभाव दूर करके संतान की उपलब्धि पुत्र प्राप्ति यन्त्र  से ही संभव होता है। प्रातःकाल में इसे दूध से नहलाकर पूजा स्थान में स्थापित करे तो पुत्र की अभिलाषा पूरी होती है। 
लग्न विवाह यंत्र - जिस युवक या युवती के विवाह में वाधा या रुकावटें आ रही हो तो निश्चिन्त होकर आप लग्न या विवाह यंत्र को पूर्व उत्तर दिशा में स्थापित कर दें तो कुछ ही दिनों में वधाएं ख़त्म होकर अच्छे घराने में रिश्ता बन जाता है तथा जीवन सुखी व संपन्नता के साथ व्यतीत होता है। 
बगलामुखी यंत्र - चुनाव को सफल बनाने, राजनितिक लाभ प्राप्त करने, कोर्ट कचहरी, मुक़दमे में विजय हासिल करने, दुश्मनी ख़त्म करने में बगलामुखी यन्त्र की भूमिका श्रेष्ठ मानी गई है। अतः नव रात्रि काल में सिद्ध श्री बगलामुखी यन्त्र प्राप्तकर सोमवार को पूजा स्थान पर स्थापित कर दें। यन्त्र का दर्शन करके घर से बाहर निकले तो पूरा दिन सफल सुखद होगा।   
मोती की माला - मोती चन्द्रमा का रत्न होता है। मोती की माला गले में होने से व्यक्तित्व चंद्रमा की तरह शीतल सहज शांत और सम्मोहन  युक्त बनता है। हमेशा तनाव ग्रस्त रहने वाले पुरुष स्त्री शुद्ध मोती की माला गले में धारण कर जीवन के सभी क्षेत्रो में जगमगाहट भर सकते हैं।  .
पिरामिड लाकेट - जिस व्यक्ति के ह्रदय से पिरामिड लाकेट हर समय स्पर्श करता रहता है, उसे हर कार्य में सफलता निश्चित हो जाती है। मार्ग की वाधाएं ख़त्म होकर मनोइक्षाये पूरी होती है। क्योंकि पिरामिड नकारात्मक उर्जा को बाहर करता है और सोंची गई इच्छा को पूरे कामयाबी के साथ पूरी होने की स्थिति बनाता है। अतः ऐसा वैज्ञानिक यन्त्र तो हर किसी को धारण करना ही चाहिए।  
बिल्ली की जेर - अधिकांश बिल्लियाँ बच्चा पैदा करते ही अपनी जेर या नाल खा जाया करती हैं। लेकिन  आसाम के भगवती कामक्षl के क्षेत्र में बिल्ली बच्चा पैदा करने के बाद प्रायः उसको खाना भूल जाती हैं। बिल्ली की जेर अथवा नाल का धन संपत्ति संग्रह में बड़ा ही महत्व है। इसे तिजोरी, लाकर, गल्ला या रुपये रखने वाले स्थान पर लाल वस्त्र या चंडी की डब्बी में करके  रखें तो दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की से  दिनों की छुट्टी  जाती है। लक्ष्मी की कृपा देखते ही बनती है। 
दक्षिणमुखी शंख  - यह शंख अत्यंत ही भाग्यकारक माना जाता है। इसे प्राप्त करके किसी भी शुभ दिन को जल से स्नान कराकर पूजा स्थान पर लाल वस्त्र पर रखें। शंख में बिना टूटे चावल का दाना भरकर वस्त्र से बांध दें तो घर में लक्ष्मी का आगमन स्पस्ट दिखने लग जाता है। इसे धुप बत्ती से  पूजन किया जा सकता है।    
टाइगर माला  - पुखराज रत्न अपने आपमें अद्भुत सफलतादायक माना जाता है। टाइगर स्टोन भी पुखराज की भांति अद्भुत फलदायक होता है। टाइगर माला धारण से समाज से प्रतिष्ठा मिलती है। व्यवसाय और सर्विस में तरक्की होती है। कार्यों की वाधाएं समाप्त होकर सफलताओं की झड़ियाँ लग जाती है। इसे प्राप्त कर गुरुवार को गले में धारण करें।     
पारे के लक्ष्मी गणेश - पारे निर्मित लक्ष्मी गणेश की मूर्ति दीपावली पर स्थापित करना महाशुभ घटना कही जाती है। इसे पूजा स्थान पर रखने मात्र से भाग्य  खिल उठता है। जीवन पर्यंत धन धन्य की पूर्णता बनी रहती है। ऐसी मूर्ति की स्थापना से सुख समृद्धि अनायास ही प्राप्त होते रहते हैं।    
हत्था जोड़ी - हत्था जोड़ी एक अद्भुत सामग्री है। इसे लाल वस्त्र या चांदी की डब्बी में शुद्धता से रखें तो सभी प्रकार की इक्षा शीघ्र पूरी होने लगती है। सुदूर-वन जंगलों से प्राप्त हत्था जोड़ी रक वस्पत्ति ही होती है मानव उंगुलियों जैसी प्रतीत होती है। हत्था जोड़ी में चैतन्य दुर्गा का निवास माना जाता है। इसकी स्थापना के तुरंत बाद ही फल की सम्भावना स्पस्ट देखी जाती है। हत्था जोड़ी से चुनाव में जीत निश्चित हो जाती है। कर्ज से मुक्ति मिलती है। कोर्ट कचहरी मुकदमें में विजय प्राप्त होता है। व्यापार आश्चर्यजनक रूप से तरक्की करता है। भूमि दोष, भुत प्रेत,  तांत्रिक दोष वाधा ख़त्म होता है। दूसरों को सम्मोहित करने की क्षमता बन जाती है। आज के युग में हत्था जोड़ी निश्चित ही चमत्कारी सामग्री है। (इसे पास में लेकर  सोया जाता है) 
सम्पूर्ण वास्तुदोष नाशक यन्त्र - कोई भी ऐसा मकान, दूकान, आफिस या स्थान नहीं जहाँ वास्तु दोष न हो। दोष होने पर कार्य वाधा, व्यवसाय वाधा, बिमारी, धनाभाव, लाचारी, पारिवारिक टेंसन, आकस्मिक दुर्घटनाएं प्रायः होती ही रहती है। अतः तोड़ फोड़ से बचते हुए वास्तु दोष ख़त्म करने की यह सटीक सामग्री है। वास्तु दोष नाशक यन्त्र प्राप्त कर पूरब उत्तर के कोने में दीवाल पर लगा दें या अपने पूजा स्थान में स्थापित कर दें तो 12 घंटे पश्चात् ही यह प्रभावी बनते हुए दोष ख़त्म करने लगता है। इसकी स्थापना से पारिवारिक प्रेम बनता है। रुके कार्य संपन्न होते हैं। ऋण मुक्ति से राहत मिलती है। सर्विस और व्यवसाय में अनुकूल लाभ प्राप्त होता है। 
सम्पूर्ण व्यापर वृद्धि यन्त्र - यदि आप किसी भी बिजनेस व्यवसाय से जुड़े हैं। तरक्की न हो पा  रही है। कर्ज से परेशान हो गए हैं या अन्य किसी भी तरह की समस्या आ रही है तो दुखित होने की जरुरत नहीं है। आप यथाशीघ्र शुभ मुहूर्त में पुरे विधि विधान से सिद्ध किया हुआ व्यापार वृद्धि यन्त्र प्राप्त करके अपने मकान या दुकान के पूरब उत्तर कोने में स्थापित कर दें। अब हफ्ता 10 दिन में यन्त्र का प्रभाव देख सकते हैं। 
नवरत्न माला - नवरात्रि काल में सिद्ध किया यह नवरत्न माला आज के वैज्ञानिक युग की चुनौती ही है। इसे पुरुष स्त्री, बच्चा बुढा, कोई भी गले में धारण करके अनुकूल लाभ प्राप्त कर सकता हैं। नवरत्न माला धारण से ब्रह्माण्ड के समस्त ग्रह साथ देते, हैं जिससे भाग्य की लकीरें स्वय बदलना आरम्भ हो जाती है। रुके कार्य पूर्ण होते हैं। धन का आभाव समाप्त होता है। ऋण मुक्ति संभव हो जाती है। समाज में इज्जत प्रतिष्ठा बनती है तथा इसमें नवग्रह की उर्जा के चलते किसी को भी सम्मोहित करने की क्षमता आती है। (नवरत्न माला 9 प्रकार के बहुमूल्य रत्नों से निर्मित होता है, जिसे नवरात्रि  काल में सिद्ध कर दिया जाता है)

ध्यान रखें- सभी सामग्रियां ग्रहण, होलिका, नवरात्रि या दीपावली के शुभ क्षण में सिद्ध की हुई होती है ताकि आपको  अनुकूल लाभ यथाशीघ्र प्राप्त हो। अतः सामग्रियों को आप पूरी श्रधा विश्वास के साथ प्रयोग करें, बेशक आपको पूरा पूरा लाभ प्राप्त होगा।  
नोट - जो भी सामग्री प्राप्त करना चाहें, आप घर बैठे डाक से प्राप्त कर सकते है। आप फोन कर लें तो अच्छा रहेगा।                                                                 न. - 9565120423 अशोक भैया   -   ऋषिकेश, दिल्ली   
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